Wednesday, April 12, 2017

मस्तिष्क मृत

मृत्यु का यह मार्ग मेरा
सरल आप कर देना
यंत्रो पर जीने के बजाय
अंग मेरे मुझे दान करने दो
शांति से मुझे मरने दो

बिमारियों से ग्रस्त मै
मस्तिष्क से मृत बना हूँ
नाशवंत शरीर को त्याग कर भी
उसी में जकडा हूँ
इस शरीर का भी त्याग करने दो
शांति से मुझे मरने दो

यंत्रो और औषधियों  से
शरीर मेरा जुडा है
आत्मा ने कभी से
त्याग इसका किया है
इन यंत्रो का चलना बंद कर दो
चैन से मुझे मरने दो

शरीर मन और आत्मा 
ये भिन्न घटक मेरे
 जुडे एक धागे से
धागा वो ढीला कर दो
शांति से मुझे मरने दो

मन मेरा मृत है
आत्मा को मुक्त कर दो
शरीर का मेरे मात्र 
उपयोग उत्तम होने दो
देह के अवयव मेरे
दे नया जीवन रोगी को
प्रत्यारोपण कर के उनका
नया जीवन शुरू करने दो
जीवन से जीवन खिलने दो

कानून की जकडन है आप पर
वाकिफ हूँ मैं इस परिस्थिति से
युथेंसिया मैं मांगता नहीं 
इसे तो आप समझ लो
शरीर रूपी वस्त्र मेरा
मुझे अब बदलने दो
चैन से मुझे मरने दो

अंतिम इच्छा यह मेरी 
अवयव रुग्णों को प्राप्त  हो
इच्छा यह मेरी पूरी कर दो
सुख से मुझे राम-राम कहने दो

(डॉ. कैलाश जावडे द्वारा मराठी में लिखी कविता का विजयंता चितळे  द्वारा हिंदी अनुवाद)